Wednesday 3 August 2011

फ़रियाद

ये नहीं   कहता, मुझे आबाद कर

मैं   तेरा, मर्जी  तेरी   बर्बाद   कर

ख्वाब पलकों पर सजाये थे बहुत

रेत पर घर  भी   बनाये   थे बहुत

एक झोंके में  मगर   ये क्या हुआ

पहले   भी   तूफान  आये थे बहुत

बेरुखी इतनी जो है मुझसे तेरी

फिर कभी हम ना मिलें फ़रियाद कर

मैं तेरा ....

अपनी साँसों में बसाया था तुझे

जिन्दगी अपनी बनाया था तुझे

तुझको पूजा तू मेरी आराधना थी

देवता अपना बनाया   था  तुझे

तू थी मेरे दिल में तो अब मेरे दिल की

थम गयी है नब्ज़ तू परवाज़ कर

मैं तेरा .........

Tuesday 2 August 2011

एक पल सुकूँ की ख़ातिर

दुनिया    के  तोड़    बंधन   मैं  पास  तेरे  आऊं
एक पल सुकूँ  की ख़ातिर तेरी बाहों में खो जाऊं


     मुद्दत की एक ख्वाहिश चाहो तो  कुचल देना
     एक बीज प्यार  के   जो  जाते   हुए  बो जाऊं


बोझल हो मेरी पलकें  तेरी   गोद   में सर रखूं
बिखरा दो अपनी जुल्फें जुल्फों तले  सो जाऊं


     गुजरे हुए लम्हों  की  याद आती  है  रोने दो
     ये दिल  के दाग़ अपने अश्कों से मैं धो जाऊं


ऐ  जाँ  बिछडके   तुझसे ये   जिंदगी कहाँ है
साँसों में तुम  बसा  लो बस तेरा ही हो जाऊं