उफ़नते हुए बादलों के बीच
चमकती हुई बिजली की धुंधली सी रौशनी में,
देखी थी एक झलक, उस फरेब चेहरे की ,
गोया वो फिर से मुझे लूटने की कोशिश में हो ,
मैंने भी कह दिया ........
शौक से आओ,
मेरे दामन की सारी खुशियाँ तो पहले ही ले जा चुके हो,
मेरे दामन की सारी खुशियाँ तो पहले ही ले जा चुके हो,
अब यहाँ दर्द के सिवा कुछ भी नहीं पाओगे,
बेवजह ख़ाली हाथ जाओगे...........