ये नहीं कहता, मुझे आबाद कर
मैं तेरा, मर्जी तेरी बर्बाद कर
ख्वाब पलकों पर सजाये थे बहुत
रेत पर घर भी बनाये थे बहुत
एक झोंके में मगर ये क्या हुआ
पहले भी तूफान आये थे बहुत
बेरुखी इतनी जो है मुझसे तेरी
फिर कभी हम ना मिलें फ़रियाद कर
मैं तेरा ....
अपनी साँसों में बसाया था तुझे
जिन्दगी अपनी बनाया था तुझे
तुझको पूजा तू मेरी आराधना थी
देवता अपना बनाया था तुझे
तू थी मेरे दिल में तो अब मेरे दिल की
थम गयी है नब्ज़ तू परवाज़ कर
मैं तेरा .........
मैं तेरा, मर्जी तेरी बर्बाद कर
ख्वाब पलकों पर सजाये थे बहुत
रेत पर घर भी बनाये थे बहुत
एक झोंके में मगर ये क्या हुआ
पहले भी तूफान आये थे बहुत
बेरुखी इतनी जो है मुझसे तेरी
फिर कभी हम ना मिलें फ़रियाद कर
मैं तेरा ....
अपनी साँसों में बसाया था तुझे
जिन्दगी अपनी बनाया था तुझे
तुझको पूजा तू मेरी आराधना थी
देवता अपना बनाया था तुझे
तू थी मेरे दिल में तो अब मेरे दिल की
थम गयी है नब्ज़ तू परवाज़ कर
मैं तेरा .........