Tuesday 24 June 2014

दूसरा




नज़र है सूनी-सूनी
देखे बिना तुझे,
मुझे कुछ ना सुझे
देखे बिना तुझे 
तु कहाँ है हमदम ले के मुझे भी चल
अब आ भी जाओ कटते नहीं हैं पल
मै रह ना पाऊँ देखे बिना तुझे 
नज़र है सूनी-सूनी......
थी मेरी खता क्या मुझसे जो रूठ गये
जो साथ थे देखे सपने वो टूट गये
मुझे कौन संभाले देखे बिना तुझे
नज़र है सूनी-सूनी.......
तुम मिल जाओ तो खोने ना देंगे तुम्हें 
किसी और का अब तो होने ना देंगे तुम्हें 
मैं जी ना पाऊँ देखे बिना तुझे
नज़र है सूनी-सूनी......

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