Saturday, 9 December 2017

तुमसे मिलकर



मिलकर तुमसे  मैने  जाना, जीने  का अंदाज़ हो तुम ,

हंसी लबों पर हया आँख में,खाबों की परवाज़ हो तुम।

कदम-कदम पर ठोकर खाया,दुनिया से ना सम्भल सका,

तूने उठा दिया पल भर में,एक अनोखा राज़ हो तुम।

मिलकर तुमसे......

तेरी  यादों  के  बदले  में , मैने  सब  कुछ  तुम्हे  दिया,

चुप रहके सब कुछ कह डाला,निःशब्द कोई आवाज़ हो तुम।

मिलकर तुमसे......

आंखों में तस्वीर है तेरी,धड़कन में भी तुम्ही प्रिये,

हर आहट संगीत है तेरी,दिल का मेरे साज़ हो तुम।

मिलकर तुमसे......

Sunday, 30 July 2017

मेरी बेटी

भीड़ में दुनिया की मैं,खुद को तन्हा पाता हूँ
समझ न  आने वाली , उलझने सुलझता हूँ
थका हारा हुआ पहुँचता हूँ,जब घर वापस
नन्ही बाँहों में उसकी,जाकर सिमट जाता हूँ
दूर हूँ उससे तो ,एहसास हो रहा है मुझे
बग़ैर उसके मैं तो , जीता हूँ न मरता हूँ
हाँ मैं मेरी बेटी से ,माँ की तरह प्यार करता हूँ।
हाँ मैं मेरी बेटी से ,माँ की तरह.....
वो पांच मिनट का निवाला,मुझे पचास मिनट में खिलाना
वो अपने दिनभर की बातें,मुझे देर रात तक सुनाना
उसके सर से जो कभी,हाथ मेरा हट जाए
तो नींद में भी रोते-रोते,पापा-पापा चिल्लाना
बड़ी होकर वो मुझसे दूर चली जायेगी
बस यही सोचकर दिनरात आह भरता हूँ
हाँ मैं मेरी बेटी से, माँ की तरह प्यार करता हूँ।
हाँ मैं मेरी बेटी से ,माँ की तरह....

Tuesday, 16 May 2017

लगता है कोई अपना है

दूर कहीं से आहट आई लगता है कोई अपना है,
कहते हैं ये हवा के झोंके लगता है कोई अपना है।

खो गया है करार दिल का मारा -मारा फिरता हूँ,
किसने किया है हाल ये मेरा लगता है कोईअपना है।

सात समंदर पार बिठाकर मुझको तन्हा छोड़ दिया  दिल उसे फिर भी दुआ देता है लगता है कोई अपना है।

किसको निगाहें ढूंढ रही हैं किसकी बातें करती हैं,किसकी याद रुला देती है लगता है कोई अपना है।

दर्द हमेशा ही देता है मुझको सताता है फिर भी,
उसपे हमेशा प्यार आता है लगता है कोई अपना है।