वही बिन बात के फिर से,
चलो लड़ना-झगड़ना,
कभी तुम रूठ जाओ,मैं मनाऊं मान जाना,
तुम्हारी खूबियों को मैं गिनाऊं,
तो मेरी गलतियों को तुम गिनाना,
वही एक दौर आओ फिर से जीते हैं,
चलो एक बार फिर से ईश्क करते हैं...
चलो एक बार फिर .....
उन्हीं गलियों से आओ फिर से गुजरें
उन्हीं गलियों में आओ गीत गाएं
वो चौराहे के बाजू वाले घर से
चुराकर गुल तेरी जुल्फें सजाएं
तेरे नखरे भी वैसे कम नही थे
तूं जैसे चाहे हम वैसे मनाए
बहुत याद आते हैं वो पल जो बीते हैं
चलो एक बार फिर से ईश्क करते हैं...
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