Wednesday 14 December 2011

आखिर क्यूँ???

वो एक पल
जो एहसास दिलाता है
मेरे पास तुम्हारी मौजूदगी का
वो एक पल
जो न जाने कब चुपके से
मेरी जिंदगी का हिस्सा बन गया
वो एक पल
जो अब शायद
मेरे हर दर्द की दवा बन गया है
वो एक पल
जो मेरे आशियाने को
रौशन करके,उसकी फिज़ा में
ख़ुश्बू  बिखेर देता है
वो एक पल
जो न जाने कितनी ही
खुशियाँ
दे जाता है मुझे
वो एक पल
जिससे न जाने कितनी ही उम्मीदें
जोड़ रखी हैं मैंने
तुम ये सब जानकार भी
दुनिया की भीड़ में
इस कदर क्यूँ खो जाती हो
कि  नही  निकाल पाती  मेरे लिए 
वो एक पल
आखिर क्यूँ??????????

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