मिलकर मैंने तुमसे जाना
जीने का अंदाज़ हो तुम
हसीं लबों पर हया आँख में
खाबों की परवाज़ हो तुम
कदम-कदम पर ठोकर खाया
दुनिया में ना संभल सका
तुने उठा दिया पल भर में
एक अनोखा राज़ हो तुम
तेरी यादों के बदले में
मैंने सब कुछ तुम्हे दिया
चुप रहकर सब कुछ कह डाला
निःशब्द कोई आवाज़ हो तुम
आँखों में तस्वीर है तेरी
धड़कन में भी `सहर` तुम्ही
हर आहट संगीत है कोई
दिल का मेरे साज़ हो तुम
मिलकर तुमसे मैंने जाना.......
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