Wednesday 14 December 2011

तुमसे मिलकर

मिलकर मैंने तुमसे जाना 
जीने का अंदाज़ हो तुम 
हसीं लबों पर हया आँख में
खाबों की परवाज़ हो तुम
कदम-कदम पर ठोकर खाया
दुनिया में ना संभल  सका
तुने उठा दिया पल भर में
एक अनोखा राज़ हो तुम
तेरी यादों के बदले में
मैंने सब कुछ तुम्हे दिया
चुप रहकर सब कुछ कह डाला
निःशब्द कोई आवाज़ हो तुम
आँखों में तस्वीर है तेरी
धड़कन में भी `सहर` तुम्ही
हर  आहट  संगीत  है कोई
दिल का मेरे साज़ हो तुम
मिलकर तुमसे मैंने जाना.......

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