Wednesday 1 May 2024

तुमसे रिश्ता

न जाने कौन हो तुम 
तुमसे क्या रिश्ता है मेरा 
सोचता हूं कि पूछ लूं तुमसे 
मगर जब सामने आ जाते हो 
हर एक सवाल भूल जाता हूं 
तेरी आंखों में डूब जाता हूं 
जुस्तजू होती है फिर क्यों 
तुम्हारे जाने के बाद 
मैं तुमसे बात करूं 
तुम हमारे पास रहो 
न जाने क्यों मुझे लगते हो 
तुम खुदा की तरह 
खोलता हूं जो लब 
तो नाम तेरा आता है 
लोग कहते हैं कोई पागल है 
मैं सुनता हूं मगर 
फिर भी खुशी होती है 
क्योंकि तुम फिर भी मुझसे मिलते हो 
बात करते हो 
मेरे साथ-साथ रहते हो 
मुझे मालूम है 
तुम कल भी मिलने आओगे 
फिर क्यों शिद्दत से तेरा 
इंतजार करता हूं 
आज एहसास हुआ 
तू ही है सब कुछ मेरा 
आज एहसास हुआ 
तुझसे प्यार करता हूं...

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