Wednesday 1 May 2024

कहां हो तुम


कहां हो तुम अपने जख्मों के दर्द दे दो मुझे 
हम उन्हें पलकों पर सजा लेंगे 
तेरे हर रंजो गम उठा लेंगे 
अब  ये एहसास हुआ 
मुझको तेरे जाने के बाद 
कि मुझमें तुम ही तो रहते थे 
मेरी जान बनकर 
मेरी राहों में एक 
जलता आशियां बनकर 
तुझे समझ ना सका 
भूल हो गई मुझसे 
बरसती रहती है 
आंखें मेरी तुम्हारे लिए 
तरसता रहता है 
बेताब दिल तुम्हारे लिए 
ऐसा लगता है कि अब जी ना सकेंगे तुम बिन 
बीती बातों को छुपाने के लिए अब शायद
लबों को सी न सकेंगे तुम बिन 
अब तो आ जाओ 
मेरी जिंदगी में आ जाओ 
मुझको जो भी सजा देना हो 
देने आ जाओ 
दर्द भी होगा तो हम कुछ ना कहेंगे 
तुमसे चाहे मिट जाएंगे 
पर उफ ना करेंगे तुमसे 
अब कभी कुछ ना कहेंगे तुमसे 
अब कभी कुछ ना कहेंगे तुमसे

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