Wednesday 1 May 2024

टूटा सपना


सपन सलोना देखा मैंने 
तुझको अपना देखा मैंने 
बहुत हंसी मंजर था वह 
जब दर्द भरी तन्हाई थी 
अंधेरी रातों में 
भीगी भीगी सी बारिश भी थी 
तुमसे मिलने की इस दिल में 
थोड़ी सी ख्वाहिश भी थी 
हर लम्हा यह सोचा मैंने 
कदम बढ़ाकर तुमको छू लूं 
तेरी सूरत कैसे भूलूं
 टीस ऊभरती है इस दिल में 
पड़ा था मैं कैसी मुश्किल में 
लाख बचाया मैंने दामन 
आ ही गया तेरी महफिल में 
यहां आने के बाद ऐसा लगा 
जैसे और कोई जन्नत ही नहीं 
तेरे मैखाने से बढ़कर 
कसम खुदा की मैंने चाहा 
तुमको खुदा से भी बढ़कर 
सब कहते हैं दीवाना हूं 
जब वो कहे थे बेगाना 
तब आंखों में आंसू आए 
देखके फिर वो वापस आए 
दिल पे मेरे वो हाथ भी रखे 
फिर अपना दामन फैलाए 
अश्क भी पोछे थे तब हमने 
उनकी तरफ कुछ कदम बढ़ाए 
ठीक तभी था बादल गरजा 
मिलके भी उनसे मिल नहीं पाए 
आंख खुल गई थी अब मेरी 
टूटा सपना देखा मैंने 
तुझको अपना देखा मैंने 
तुझको अपना देखा मैंने...

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