उसकी यादों के घर को
तिनका तिनका एक करके बनाया था
मैं शायद बहुत खुश रहता
अगर उसे तूफान का
वह झोंका लेकर ना उड़ता
और मेरे ख्वाबों का खून नहीं करता
पर उसे क्या ?
बनाने से पहले ही मिटा दिया
जब धीरे-धीरे वह मेरे करीब आई तो
मैंने मेहमान समझ कर
उसे अपने दिल में जगह दी
मेरी हर धड़कन हर सांस
उसकी ही होकर रह गई
फिर अचानक रात के सन्नाटे में
न जाने वह कहां खो गई
बहुत ढूंढा उसे और जब मिली
तो पता चला कि
वह किसी और की हो गई
पलकें बोझल,थी दिल उदास था
मैंने दिल को बहुत
समझाया और तसल्ली दी कि
अफसोस ना करे
दुनिया में ऐसे भी प्यार करने वाले होते हैं
जो प्यार को सौदा समझते हैं
और दिल को खिलौना
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