Saturday 13 April 2024

चाह थी मेरी...

चाह थी मेरी दौड़ कर उनका पकड़ लूं दामन,
लाख किया कोशिश लेकन मैं चल नहीं पाया
कहते थे वह आज नहीं कल मिलेंगे तुमसे,
सदियां बीत गई लेकिन वह कल नहीं आया
लाख किया कोशिश .......
दुनिया वाले साथ है मेरे लेकिन फिर भी
तन्हाई का खौफ ज़हन से टल नही पाया
लाख किया कोशिश.......
बहुत संभाल मैंने अपने अश्कों को फिर भी 
भीग गए बिन बारश के बादल नही आया
लाख किया कोशिश ........
उसके लिए तो मैंने खुद को बदल भी डाला
लेकिन मेरे सांचे में वह ढल नही पाया
लाख किया कोशिश ......

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