आदत है तन्हा जीने की,मैं तन्हा ही जी लूंगा
मैं तन्हा ही जी लूंगा....
सुनी हो चाहे महफिल या खाली हो पमाना
जब प्यास सताएगी मैं अश्कों को पी लूंगा
मैं तन्हा ही जी लूंगा....
तुम कत्ल मेरा कर दो,फिर भी मेरे कातिल का
कोई नाम जो पूछेगा मैं लव को भी सी लूंगा
मैं तन्हा ही जी लूंगा....
उलझन है तुम्हें मुझसे, तो छोड़ कर चली जा
ऐ रूह मेरी तेरा, अब नाम नही लूंगा।
मैं तन्हा ही जी लूंगा....
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