Tuesday 30 April 2024

गजल

अपने रुख पर कोई पर्दा न करो 
मेरी चाहत को यूं रुसवा ना करो 
धनक के रंग सभी , तुझमें उतर आए हैं 
सादगी अच्छी है,तेरी कोई सजदा ना करो 
कहीं यह लोग न बदनाम, तुझे कर जाएं 
सबसे यूं खुल कर तुम , मिला ना करो 
लोग अफसाना बना देते हैं,हर बातों का 
दिल की बातें सबसे , कहा ना करो 
मेरी चाहत का भी,कुछ तो'सहर' ख्याल करो 
अजनबी जैसे मेरे साथ, तुम रहा ना करो

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