अपने रुख पर कोई पर्दा न करो
मेरी चाहत को यूं रुसवा ना करो
धनक के रंग सभी , तुझमें उतर आए हैं
सादगी अच्छी है,तेरी कोई सजदा ना करो
कहीं यह लोग न बदनाम, तुझे कर जाएं
सबसे यूं खुल कर तुम , मिला ना करो
लोग अफसाना बना देते हैं,हर बातों का
दिल की बातें सबसे , कहा ना करो
मेरी चाहत का भी,कुछ तो'सहर' ख्याल करो
अजनबी जैसे मेरे साथ, तुम रहा ना करो
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