मेरी आंखों में कोई अश्क अब ठहरता नहीं
टूटा है दिल , मगर बिखरता नहीं
फैसला हो कोई तो मुझको सुना दे बेशक
सहमा सहमा सा हूं पर डरता नहीं
कतरा कतरा ही सही साल कई बीत गए
भूल पाता नहीं तुझको मैं याद करता नहीं
सभी उम्मीद तुमसे जिंदगी की करते हैं
तेरे बगैर कोई मरता नहीं
पहले हर रोज ही 'सहर'वो मिलने आते थे
अब इधर से कोई गुजरता नहीं
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